इस पुस्तक में रघवीर सिंघ बीर जी की पुस्तक बंदगी नामा का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किया गया है। इससे वह पाठक जो गुरूवाणी समझने में रुचि रखतें हैँ लेकिन पंजाबी भाषा से अपरिचित हैं, वे निशचय ही इस अनुवाद से लाभांवित होंगे।