मसकीन जी ने 27 लेखों की यह पुस्तक चौथा पदु गुरमति अनुसार गुरुबाणी के प्रमाण तथा ऐतिहासिक हवाले देकर भारी खोज कर के लिखी है ताकि पाठक इस पुस्तर को पढकर गुरमति के फलसफे को समझकर पूरा-पूरा लाभ ऊठा सकें।