इस पुस्तक में भी बहुत ही विद्वता-भरभूर अलग अलग 18 लेखों को बहुत ही निपुणता से, सरल शब्दों में, बहुत ऊंचे विचार लिखे है-जिनको पढ़ने वाले पढ़कर और अमल करके आदर्श जीवन प्राप्त करेंगे, जैसा कि संत शब्द के मज़मून में असली संत और नकली संत की निशानी गुरुबाणी के आधार पर दर्शाकर पाखंड की अच्छे तरीके से धज्जियां उड़ार्इ हैं ।