मानव-मन को सुख, शान्ति एवं आनंद प्रदान करने वाली श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पावन-पवित्र वाणी को देवनागरी लिपि में हिन्दी शब्दार्थ सहित प्रकाशित करके पंजाबी विश्वविद्यालय ने व्यापक हिन्दी जगत् में इसके प्रचार-प्रसार का प्रयास किया है । मानव-जीवन को उद्यमी, परोपकारी एवं उपयोगी बनाने के लिए इस वाणी का महत्वपूर्ण योगदान है । यह महान् रचना वह र्इश्वरीय ज्ञान है जो कर्म-भावना-प्रधान उत्साह प्रदान करता है । यह वाणी नाद एवं वेद है । इस वाणी में विश्व-मंत्री, विश्व-बन्धुत्व और विश्व-कल्याण की भावना पर बल दिया गया है । इसके साथ ही सत्य, संतोष, परोपकार जैसे नैतिकता के शाश्वत मूलयों का प्रतिपादन एवं प्रतिष्ठापन किया गया है । यह रचना एक विशाल जनसमूह के लिए जीवन का आधार है । शब्द-गुरु-रुपी इस अमूल्य भण्डार को जन-कल्याण-हित समर्पित हो रही है ।