इसमें लेखक ने नौंवी पातशाही ‘श्री गुरु तेग़ बहादुर जी’ के जीवन का वृतांत पेश किया है। पुस्तक के अन्त में ;गुरु तेग बहादुर’ जी की वाणी, व्यक्तित्व और जीवन-सखियों से मिलने वाली शिक्षा के बारे में भाव-पूर्ण विचार पेश किये है।