गुरू नानक साहिब जी ने अपने दस रुपों में सचचे प्रभु का ज्ञान, सचची ज्ञिदगी जीने का तरीका और कुदरत के बाररे में विशाल जानकारी अपनी बाण्ी में दी है, जो कि सचच और विज्ञान की कसौटी पर पुरी उतरती है। गुरू जी ने अपनी बाण्ी में सत्री और पुरू को सम्मन आदर दिया है। साहिबान हर समय लोगों को सचचा, आसान और सादा कीवन जीने की प्रेरणा देते रहे। गुरू नानक साहिब जी के महान विचारो को इस पुसतक में समझाने का प्रयास किया है। हम इनको समझ के जिदगी में ड़ाल कर अपने जीवन को सफल बना सकते है।