गुरुवाणी, गुरु साहिब के हुक्मनामों तथा ऐतिहासिक संदर्भों के आधार पर लिखी और पिछले ४ दशकों से पंजाबी में प्रकाशित हो रही यह पुस्तक सिक्खों के आहार संबंधी एक प्रमाणिक दस्तावेज़ सिद्ध हुआ है और देश-विदेश में से इसने जिज्ञासु पाठकों को तृप्त करके उनका मार्ग-दर्शन किया है। हिन्दी भाषा भाषी संगत से आ रही माँग को पूरा करने हेतु अब इस पुस्तक का हिंदी अनुवाद तैयार किया गया है।