इस पुस्तक में प्रो. साहिब सिंघ जी के जपु जी साहिब टीका का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किया गया है। इससे वह पाठक जो गुरूवाणी समझने में रुचि रखतें हैँ लेकिन पंजाबी भाषा से अपरिचित हैं, वे निशचय ही इस अनुवाद से लाभांवित होंगे।